स्त्रीलिंग की पहचान



स्त्रीलिंग की पहचान

१. वर्णमाला के ‘इ, ई, ऋ’अक्षर स्त्रीलिंग है ।         

२. नदियों के नाम स्त्रीलिंग है । जैसे –गंगा, गोदावरी, यमुना, सरस्वती आदि ।
अपवाद – सोन, ब्रह्मपुत्र, सतलज, व्यास, झेलम, सिन्धु ।
नोट- सोन, ब्रह्मपुत्र आदि के साथ नदी जोड़ने से वे स्त्रीलिंग मे प्रयुक्त होगें ।

३. स्त्रियों के नाम स्त्रीलिंग होते है । जैसे – रमा, दया, भावना, शिल्पा, दिव्या आदि ।

४. तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते है । जैसे – पहली, दूसरी आदि ।

५. भाषाओं के नाम स्त्रीलिंग होते है ।जैसे – हिन्दी, अँग्रेजी, संस्कृत आदि

६. नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते है ।जैसे – पृथ्वी, रोहिणी, अश्विनी आदि ।

७. आकारान्त तत्सम संज्ञाएँ प्राय; स्त्रीलिंग होती है । जैसे – समा, दया, भाषा, परीक्षा आदि

८. इकारान्त तत्सम संज्ञाएँ प्राय; स्त्रीलिंग होती है ।जैसे – अग्नि, शक्ति, जाति, हानि आदि ।
  अपवाद – मति, कवि, रवि आदि ।

९. उकारान्त तत्सम संज्ञाएँ प्राय; स्त्रीलिंग होती है । जैसे – आयु, वायु, वस्तु आदि । 

१०. हिन्दी ईकारान्त संज्ञाएँ प्राय; स्त्रीलिंग होती है । जैसे- नदी, चाँदी, हँसी, बोली आदि ।
अपवाद – मोती, पानी, घी, हाथी आदि ।

११. ‘इमा’ तद्धित प्रत्यय वाले संस्कृत शब्द स्त्रीलिंग होते है । जैसे – महिमा, गरिमा आदि ।
संस्कृत के ‘या’ अथवा ‘सा’ वाले शब्द स्त्रीलिंग होते है । जैसे – विद्या, क्रिया, पिपासा, मिमांसा आदि।

१२. संस्कृत की वे संज्ञाएँ जिनके अन्त मे ‘अना’ प्रत्यय होता है स्त्रीलिंग कहलाती है । जैसे – भावना, सुचना आदि । 

१३. हिन्दी की धातुओं से ‘अ’ प्रत्यय लगाकर बनी संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती है ।
जैसे – चहक, कूक, पकड़, पहुँच आदि ।अपवाद – खेल, नाँच, बोल, मेल उतार आदि ।

१४. अरबी फारसी के शब्द जिनके अन्त मे ‘श’ प्रत्यय होता है, स्त्रीलिंग होते है ।
जैसे – पालिश, मालिश, तलाश आदि ।

१५. अरबी फारसी के शब्द जिनके अन्त मे ‘त’ प्रत्यय होता है, स्त्रीलिंग होते है ।
जैसे – इज्जत, कीमत, नफरत, दौलत आदि ।

१६. अरबी फारसी की वे संज्ञाएँ जिनके अन्त मे ‘आ’ अथवा ‘ह’ होता है  ,स्त्रीलिंग होती है ।
जैसे – दया, हवा, राह, माह आदि ।

१७. वे भाववाचक संज्ञाएँ जिनके अन्त मे ‘ट’ ‘बट’ या ‘हट’ होता है ,स्त्रीलिंग होती है ।
जैसे – खटपट, सरपट, बनावट, लिखावट, चिल्लाहट आदि ।

१८. स्त्रीलिंग प्राणी शब्द - कोयला, चील, मैना आदि ।

१९. नीचे लिखे संस्कृत के शब्द हिन्दी मे सदा स्त्रीलिंग मे पयुक्त होते है – विधि, तिथि, निधि, विजय, महिमा, मृत्यु, राशि, ऋण, मणि, अग्नि, समाधि, समिति, सभा, संसद, पुलिस, सेना, भीड़, जनता, पार्टी, कक्षा, जाति, कांग्रेस आदि ।

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