कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाने की विधि
कर्तृवाच्य के वाक्यों को कर्मवाच्य के वाक्यों में बदलने के लिए
निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखिए - (क) कर्तृवाच्य कर्ता के साथ यदि कोई विभक्ति
लगी हो तो उसे हटाइये ।
(ख) कर्तृवाच्य की क्रिया को सामान्य भूत में बदलिए ।
(ग) इसमें ‘से’ अथवा ‘के द्वारा’ का प्रयोग कीजिए ।
उस बदले हुए रुप के साथ काल, पुरुष, वचन और लिंग के अनुरुप ‘जाना’
क्रिया का रुप जोड़िए । उदाहरण - कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य
रमेश
कहानी लिखता है । रमेश से
कहानी लिखी जाती है
सीता
ने कहानी लिखी सीता के द्वारा कहानी लिखी गई
महेश कहानी लिखेगा महेश से कहानी लिखी जाएगी
मां!
ने पुत्र को डाटाँ माँ के द्वारा पुत्र डाटाँ गया
ताजमहल
शाहजहाँ ने बनवाया था ताजमहल शाहजहाँ द्वारा
बनवाया गया था
माँ
ने छोटे बच्चे को सुला दिया माँ
के द्वारा छोटा बच्चा सुला दिया गया
बच्चे
खेलेगें बच्चों से खेला जायगा ।
कर्तृवाच्य से भाववाच्य बनाना
कर्ता के आगे ‘से’ अथवा ‘के द्वारा’ लगाने से कर्तृवाच्य भाववाच्य
में बदल जाता है –
कर्तृवाच्य भाववाच्य
रेखा हँस रही है रेखा से हँसा
जा रहा है
बालक चटाई पर सो रहा था बालक
द्वारा चटाई पर सोया जा रहा था
मुख्य क्रिया को सामान्य भूतकाल की क्रिया को एकवचन में बदलकर
उसके साथ धातु के एकवचन, पुल्लिंग, अन्य पुरुष का वही काल लगा दें जो कर्तृवाच्य का
है, तब यह भाववाच्य में बदल जाता है
कर्तृवाच्य भाववाच्य
बच्चें खेलेगें बच्चों
से खेला जाएगा
पक्षी आकाश में उड़ते हैं पक्षियों द्वारा आकाश में उड़ा
जाता है
कुछ इस प्रकार
के उदाहरण भी भाववाच्य में पाये जाते है –
उससे
बैठा तक नही जाता अब
तो सहा नही जाता
कर्तृवाच्य भाववाच्य
मोहन
नही उठता मोहन
से उठा नही जाता
घोड़ा
नही चलता घोड़े
से चला नही जाता
मैं
नही पढ़ता मुझसे
पढ़ा नही जाता
वे हँसते
नही उनसे
हँसा नही जाता