इतिहास या स्रोत की दॄष्टि से वर्गीकरण
१. तत्सम शब्द – जो
शब्द सीधे संस्कॄत से आते है और हिन्दी भाषा में प्रयुक्त होते है तत्सम शब्द कहलाते
है । ये शब्द या तो अपरिवर्तित रुप में संस्कॄत से लिये गये है अथवा जिन्हे संस्कॄत
के मूल शब्दों से संस्कॄत के ही प्रत्यय लगाकर फिर से बना लिया गया है।
जैसे – जलद, जलथि, जलज आदि ।
नवनिर्मित शब्द – आकाश वाणी, दूरदर्शन, आदि ।
२. तद्भव शब्द – वे
शब्द जो संस्कॄत भाषा के बदले हुए रुप में प्रयोग हुए है, तद्भव शब्द कहलाते है ।
जैसे - अग्नि –आग, क्षेत्र –खेत, निद्रा –नींद
३. देशज या देशी शब्द
– वे शब्द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण हिन्दी भाषा में आवश्यक्तानुसार पैदा हो गये
देशज कहलाते है । इनका सम्बन्ध संस्कॄत से नही है । जैसे –पगडी, लोटा, झाडु, पेट
४. विदेशज शब्द –
वे शब्द जो विदेशी भाषाओं से हिन्दी भाषा में आए है, विदेशी या विदेशज शब्द कहलाते
है ।
जैसे – रेल, पैंसिल, रेडियो, डॉक्टर, आदि। ये अंग्रेजी भाषा के
शब्द हैं।
अरवी के शव्द -
अमीर, गरीब, अल्लाह, मुल्ला, फ़कीर, औरत आदि।
तुर्की के शव्द -
कुली, कैंची, चिक, चेचक आदि।
फारसी के शव्द -
आदमी, किताब, गुलाब, आदि।
चीनी के शव्द -
चाय, लीची, तूफान, आदि
जापानी के शव्द -
रिक्शा, झम्पान, आदि।
यूनानी के शव्द -टेलीफोन,
टेलीग्राम, आदि।
फ्रांसीसी के शव्द -पुलिस,
इंजीनियर, कार्टून आदि।