क्रियाविशेषणों की रचना
रचना के आधार पर क्रिया विशेषण के दो भेद है ।
१.मूलक्रियाविशेण –जो क्रिया विशेषण किसी दूसरे शब्द में प्रत्यय
आदि लगाए बिना ही बनते है , उन्हें मूल क्रिया विशेषण कहते है ।
जैसे – पास, दूर, ऊपर, आज, सदा, अचानक आदि ।
२.यौगिक क्रिया विशेषण –जो क्रिया विशेषण दूसरे शब्दों में प्रत्यय
आदि लगाने से बनते है, उन्हें यौगिक क्रिया विशेषण कहते है ।ये निम्नलिखित शब्दों से
बनते है –
(क) संज्ञा से- सबेरे, सायं, आजन्म, क्रमशः, प्रेमपूर्वक ।
(ख) सर्वनाम से – यहाँ, वहाँ, अब, कब, इतना, उतना ।
(ग) विशेषण से – चुपके, पहले, दूसरे, बहुधा, धीरे ।
(घ) क्रिया से – खाते, पीते, सोते, उठते, बैठते, जागते ।
(ड़) शब्दों की द्विरुक्ति से – कभी- कभी, धीरे –धीरे, बार –बार
।
(च) विभिन्न शब्दों के मेल से – रात – दिन, कल – परसो ।
(छ) संस्क्रुत के करण कारण से – कृपया, साधारणतया ।
(ज) तः प्रत्यय लगाने से – वस्तुतः, मुख्यतः, विशेषतः ।
(झ) उपसर्गो से जोंड़ने से – प्रति – प्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिफल
।
यथा –यथाशक्ति, यथाक्रम, यथासंभव ।
हर – हरदिन, हररोज, हरपल ।
बे – बेकार, बेशक, बेफायदा, बेपर
अन – अनजाने, अनबुझे, अनायास ।