उत्तम पुरुष ‘मैं’ शब्द के रुप
कारक एकवचन
बहुवचन
कर्ता मैं,
मैंने हम,
हमने, हम लोग
कर्म मुझे,
मुझको हमें,
हमको, हम लोगों को
करण मुझसे
हमसे
सम्प्रदान मेरे
लिए हमारे
लिए
अपादान मुझसे
हमसे
सम्बन्ध मेरा,
मेरे, मेरी हमारा,
हमारे, हमारी
अधिकरण मुझमें,
मुझ पर हममें, हम
पर
विशेष – सर्वनाम शब्दों का सम्बोधन नही होता ।
मध्यम पुरुष ‘तू’ शब्द के रुप
कारक एकवचन
बहुवचन
कर्ता तू,
तुने तुम,
तुमने, तुम लोग
कर्म तुझको,
तुझे तुमको,
तुम्हें, तुम लोगों को
करण तुझसे,
तेरे द्वारा तुमसे,
तुम्हारे द्वारा
सम्प्रदान तेरे
लिए तुम्हारे
लिए
अपादान तुझसे
तुमसे
सम्बन्ध तेरा,
तेरे, तेरी तुम्हारा,
तुम्हारे, तुम्हारी
अधिकरण तुझमे,
तुझ पर तुममें,
तुम पर
अन्य पुरुष ‘वह’ शब्द के रुप
कर्ता वह,
उसने वे,
उन्होंने
कर्म उसको,
उसे उनको, उन्हें
करण उससे उनसे
सम्प्रदान उसके
लिए उनके लिए
अपादान उससे
उनसे
सम्बन्ध उसका,
उसके, उसकी उनका उनके, उनकी
अधिकरण उसमें,
उसपर उनमें उन पर
निश्चयवाचक सर्वनाम के ‘यह’ शब्द के रुप
कारक एकवचन बहुवचन
कर्ता यह,
इसने ये,
इन्होंने
कर्म इसको,
इसे इनको
करण इससे,
इसके द्वारा इनसे (द्वारा)
सम्प्रदान इसके
लिए इनके लिए
अपादान इससे इनसे
सम्बन्ध इसका,
इसके, इसकी इनका, इनके, इनकी
अधिकरण इसमें,
इस पर इनमें, इन
पर
अनिश्चयवाचक ‘कोई’ शब्द के रुप
कारक एकवचन
बहुवचन
कर्ता कोई,
किसी ने किन्हीं
ने
कर्म किसी
को किन्हीं
को
करण किसी
से, किसी के द्वारा किन्हीं
से, किन्हीं के द्वारा
सम्प्रदान किसी
के लिए किन्हीं
के लिए
अपादान किसी
से किन्हीं
से
सम्बन्ध किसी
का, के, की किन्हीं
का, के, की
अधिकरण किसी
में, किसी पर किन्हीं
में, किन्हीं पर
प्रश्नवाचक ‘कौन’ शब्द के रुप
कारक एकवचन
बहुवचन
कर्ता कौन,
किसने किन्होंने,
कौन
कर्म किसको,
किसे किनको, किन्हें
करण किससे,
किसके द्वारा किनसे, किन
लोगों से
सम्प्रदान किसके
लिए किनके लिए,
किनको
अपादान किससे
किनसे
सम्बन्ध किसका, किसके किनका, किनके, किनकी
अधिकरण किसमें,
किस पर किन में, किन
पर
सम्बन्धवाचक ‘जो’ शब्द के रुप
कारक एकवचन
बहुवचन
कर्ता जो,
जिसने जिन्होंने
कर्म जिसको,
जिसे जिनको, जिन्हें
करण जिससे,
जिसके द्वारा जिनसे,
जिनके द्वारा
सम्प्रदान जिसके
लिए जिनके
लिए
अपादान जिससे
जिनसे
सम्बन्ध जिसका,
जिसके, जिसकी जिनका,
जिनके, जिनकी
अधिकरण जिसमें,
जिस पर जिनमें,
जिन पर
निजवाचक सर्वनाम ‘आप’ शब्द के रुप
कर्ता आप
कर्म अपने
को, आपको
करण अपने
से, आपसे
सम्प्रदान अपने
लिए, अपने को, आपके लिए
अपादान अपने
से, आपसे
सम्बन्ध अपना,
अपनी, अपने
अधिकरण अपने
में, अपने पर, आप में
विशेष –
सब पुरुषों और वचनों में समान होते है ।
आदर सूचक ‘आप’ मध्यम पुरुष
(दोनों वचनों
में समान, नित्य, बहुवचन)
कर्ता आप,
आपने
कर्म आपको
करण आपसे,
आपके द्वारा
सम्प्रदान आपके
लिए, आ को
अपादान आपसे
सम्बन्ध आपका,
आपके, आपकी
अधिकरण आप
में, आप पर