‘ॐ’ शब्द की महत्ता


‘ॐ’ शब्द की महत्ता

‘ॐ’ शब्द का उच्चारण अपने आपमें महत्व रखता हैं । सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एक ‘शून्य’ की तरह हैं । इसमें बहुत सारी शक्तियाँ विद्यमान हैं । ये शक्तियाँ किसी न किसी रुप में हमारे शरीर को तथा हमारे मन को प्रभावित करती हैं । हमारे अन्दर भी कुछ शक्तियाँ एसी होती है ‘जो सुप्तावस्था मे है’ उन्हें जाग्रत करना पड़ता हैं । उनको जाग्रत करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं । यह ऊर्जा हमें स्वयं उत्पन्न करना पड़्ती हैं । ब्रह्म मुहुर्त मे प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व जागकर ईश्वर के समक्ष बैठकर बिल्कुल एकान्त में दोनों हाथों को जोड़कर तथा नेत्रों को बन्द कर ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करें ।यह उच्चारण उच्च स्वर में तथा बहुत लम्बा होना चाहिए । ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करने से आपमें एक नई उर्जा तथा एक नई स्फुर्ति प्राप्त होगी । ‘ॐ’ का उच्चारण अपने आपमें बहुत बड़ी शक्ति हैं ‘दुसरी शक्ति पहले से ब्रह्माण्ड में उपस्थित हैं’ तथा एक शक्ति आपमें विद्यमान हैं, जब ये तीनों शक्तियाँ आपस में टकराती हैं, तो एक नई उर्जा पैदा करती हैं ।आपके अन्दर सोई हुई शक्ति को जगाती हैं । यदि आप सिर्फ १५ से ३० मिनट तक ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण करें, तो आपमें शीघ्र ही एक नया परिवर्तन महसुस होगा । आपमें स्फूर्ति का अनुभव होगा । एक अलौकिक आनन्द की अनुभूति होगी । अपने आप को तरोताजा महसुस करेगें । इस प्रकार अपने अन्दर सोई हुई शक्ति को भी जाग्रत करेगें । अतः नियम से अच्छे दिन की शुरुआत के लिए ‘ॐ’ शब्द का उच्चारण किजिए । 

                   ‘ॐ’ शब्द बहुत शक्तिशाली है, नित्य प्रति उच्चारण करने से आपको एक अलौकिक शक्ति से ओतप्रोत कर देगा । 


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