विशेषण के भेद


विशेषण के भेद

१.गुणवाचक विशेषण - अच्छा, बुरा
२.संख्यावाचक विशेषण - दो, चार
३.परिमाणवाचक विशेषण – पाँच किलो दूध
४.संकेतवाचक विशेषण - यह घोड़ा, वह आदमी 

१.गुणवाचक विशेषण – जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्दों में गुण अथवा दोष (रंग, आकार, स्थान, समय आदि) बताएँ, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं । 

          जैसे – गुण - सुन्दर, बलवान, विद्वान आदि ।
                   दोष -   बुरा, लालची, दुष्ट ।
                   रंग - लाल, पीला, सफेद आदि ।
                   अवस्था - लम्बा, पतला, अस्वस्थ आदि ।
                   स्वाद -    खट्टा, नमकीन, मीठा आदि । 

२.संख्यावाचक विशेषण - जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की संख्या सम्बन्धी विशेषता का बोध कराएँ, वे संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं ।
  जैसे -    एक पुस्तक, पाँच व्यक्ति, कुछ घोड़े आदि । 

संख्यावाचक विशेषण के भेद   

(क) निश्चित संख्यावाचक - जिस विशेषण द्वारा निश्चित संख्या का बोध होता है, वह निश्चित संख्यावाचक विशेषण होता हैं । जैसे – पाँच बालक, दस आम आदि । 

(ख) अनिश्चित संख्यावाचक - जिस विशेषण से निश्चित संख्या का बोध नही होता । जैसे – कुछ छात्र, अनगिनत लोग, हजारों दर्शक आदि । 

निश्चित संख्यावाचक के भेद
(क) पूर्ण संख्याबोधक – एक, दो, तीन, इन्हें गणनावाचक विशेषण भी कहते हैं ।
(ख) अपूर्ण संख्याबोधक – आधा, (१/२), पोन (३/४), पाव (१/४) आदि ।
(ग) क्रमवाचक – पहला, दूसरा, तीसरा आदि ।
(घ) आवृतिवाचक – दुगुना, तिगुना, चौगुना आदि ।
(च) समुदायवाचक – दर्जन (१२), चालीसा, बत्तीसी आदि ।
(छ) प्रत्येक बोधक – हर, प्रत्येक आदि ।

३.परिमाणवाचक विशेषण - जो विशेषण किसी वस्तु की नाप–तौल या मात्रा का बोध कराते हैं, वे परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं ।जैसे – बहुत आटा, लीटर भर दूध आदि ।

परिमाण वाचक विशेषण के भेद

(क) निश्चित परिमाण वाचक - पाँच लीटर घी, दस किलो आलू । यहाँ निश्चित परिमाण का बोध कराया गया हैं ।

(ख) अनिश्चित परिमाण वाचक –थोड़ा पानी, कुछ आटा जरा नमक आदि ।
यहाँ परिमाण का ज्ञान तो हो रहा है, किन्तु निश्चित नही ।

४.सार्वजनिक विशेषण या संकेतवाचक विशेषण – जो सर्वनाम शब्द संकेत द्वारा किसी संज्ञा की विशेषता बताएँ, उन्हें संकेत वाचक या सार्वजनिक विशेषण कहते हैं । 


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