वर्तमान काल
क्रिया के जिस रुप से चल रहे समय का ज्ञान हो, उसे वर्तमान काल
कहते है ।
जैसे – (क) राम पड़ता है ।
(ख) वह लिखता है ।
वर्तमान काल के भेद –
१.सामान्य वर्तमान – क्रिया के जिस रुप से वर्तमान काल की क्रिया
का सामान्य रुप में होना पाया जाए, उसे सामान्य वर्तमान काल कहते है ।
जैसे - (क) कमल पड़ता है । (ख) सीता लिखती है ।
२.अपूर्ण वर्तमान - ‘अपूर्ण’ का अर्थ है ‘अधूरा’ क्रिया के जिस
रुप से यह पता चले कि क्रिया अभी चालू है, उसे अपुर्ण वर्तमान काल कहते है ।
जैसे – (क) बन्दर नाच रहा है । (ख) धोबी कपड़े धो रहा है ।
३.संदिग्ध वर्तमान – क्रिया के जिस रुप से वर्तमान काल की क्रिया
के होने से सन्देह पाया जाए, उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते है ।
जैसे – रमेश आता होगा । (ख) गीता गाती होगी ।
भूतकाल
भूतकाल का अर्थ है बीता हुआ समय । क्रिया के जिस रुप से बीते समय
का ज्ञान हो, उसे भूतकाल कहते है । जैसे - (क) वह गया । (ख) मैने पत्र लिखा ।
भूतकाल के भेद -
१.सामान्य भूतकाल - क्रिया के जिस रुप से साधारणत; काम के बीते
हुए समय में होना पाया जाए, उसे सामान्य भूतकाल कहा जाता है ।
जैसे - (क) वह आया (ख) राम स्कूल गया ।
२.आसन्न भूतकाल - आसन्न का अर्थ है ‘निकट’ । इसमें यह माना जाता
है कि काम भूतकाल में आरम्भ होकर अभी- अभी समाप्त हुआ है ।
जैसे – सिपाही ने चोर को पकड़ लिया है ।
३.पूर्ण भूतकाल – क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि कार्य भूतकाल
में ही पूरा हो गया था, उसे पूर्ण भूतकाल कहते है ।
जैसे – मैने पत्र लिखा था । राधा ने गीत गाया था ।
४.अपूर्ण भूतकाल - क्रिया के जिस रुप से भूतकाल में काम के होने
का ज्ञान हो, किन्तु उसकी पूर्णता का पता न चले, वहाँ अपूर्ण भूतकाल होता है ।
जैसे - (क) बच्चे खेल रहे थे । (ख) गीता हँस रही थी ।
५.संदिग्ध भूतकाल - संदिग्ध का अर्थ है सन्देह पूर्ण । जब क्रिया
के भूतकाल में होने पर सन्देह किया जाए, तब वहाँ संदिग्ध भूतकाल होता है ।
जैसे – (क) सुरेश ने पत्र लिखा होगा । (ख) ललिता चली गई होगी ।
६.हेतुहेतुमद् भूतकाल - ‘हेतु’ कारण को कहते है । जिसमें भूतकाल
की क्रिया के होने में कोई शर्त पाई जाए, उसे हेतुहेतुमद् भूतकाल कहते है ।
जैसे – (क) यदि मै आता तो वह चला जाता ।
(ख) यदि वह मेहनत
करता, तो सफल होता ।
भविष्यत काल
जो आने वाले समय में क्रिया के होने का ज्ञान कराए, उसे भविष्यत
काल कहते है ।
जैसे - १. वह लिखेगा ।
२.कमला नाचेगी ।
भविष्यत काल के भेद -
१.सामान्य भविष्यत काल -
भविष्यत काल की क्रिया के जिस रुप से आने वाले समय में क्रिया का सामान्य रुप
में होना पाया जाए, उसे सामान्य भविष्यत काल कहते है ।
जैसे – १.राम पत्र लिखेगा । २.
सुधा नाचेगी ।
२.सम्भाव्य भविष्यत काल - भविष्यत काल की जिस क्रिया में सम्भावना
पाई जाए, उसे सम्भाव्य भविष्यत काल कहते है ।
जैसे – १.शायद आज रात वर्षा हो । २.शायद वे आ जाए ।
३.हेतुहेतुमद् भविष्यत काल –क्रिया के जिस रुप से यह जाना जाए
कि भविष्यत काल की क्रिया का होना किसी दूसरी क्रिया के होने पर आधारित है, उसे हेतुहेतुमद्
भविष्यत काल कहते है ।
जैसे – १.यदि तुम आओगे, तो मैं चँलूगा ।
२.यदि शत्रु हमला करेगा, तो मुँह की खाएगा ।